छोटे-छोटे ख्वाब


दिल में लिए फिरता हूँ मैं,
छोटे छोटे ख्वाब.
मन चाहे की हर दिन जीवन में,
आये खुशियों का सैलाब.

छोटा सा परिवार हमारा,
हंसते रहे हर दम.
पहरेदार की भाँती भगाते,
हम कोसो दूर हर गम.

दाल, रोटी, चावल या फिर सब्जी,
इसकी कभी न परे लाले.
हिम्मत हार कर कभी बैठ न जाऊं,
इतनी ख्याल करना ओ रखवाले.

जीवन के हर मोर पर हमारा,
इन्सान के ऊपर रहे भरोसा.
पहार, फूल, नदिया, आकाश से मांग लूं,
खुशी हर पल थोडा-थोडा.

चीनी से भी मीठी लगे,
सुबह में चिरियों की बोली.
दिन के शुरुआत में देखू तुम्हे,
लिए हांथो में चाय की प्याली.

कर्म खेत्र में दिन खाभी भी,
न लगे पहार से भी ज्यादा भरी.
हर मुश्किल का करून सामना,
और तारीफ़ करे लोग हिम्मत हमारी.

बेटी बसाये अपनी खुशियों का संसार,
और हम न जीए किसी के सहारे.
हमारे छोटे से घर में हर रात
छत पर लेट के गिने सितारे.

Comments

  1. Didn't know you could write in Hindi as well, Hope you haven't topoed from mota!

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Aabar Baithak - Coffee Shop or bor jaatri nibas?

The boat ride through Alleppy's Back-Waters